गुरुवार, 8 मार्च 2012

सबसे पीड़ा दायक होता है...

होली के दिन दफ्तर जाना।


रंग-गुलाल छोड़करकाम में खो जाना।।


दिल में उठती मस्ती की तरंगों को दबाना


उमंगों का गला घोंटकर पैकेज/एसटीडी-वीओ बनाना
होली के रंग- और मस्ती भूलकर


विजुअल्स की आईडी याद करना
समाजवादी पार्टी को गुंडागर्दी के लिए कोसना


जहरीले रंगों से बीमार बच्चों को देखकर मन मसोसना
लालू-मुलायम के जलसे पर नजर रखना


फिल्म स्टारों की होली की पल-पल की खबर रखना
ये सबसे खतरनाक भले ही ना हो...


लेकिन सबसे पीड़ादायक जरूर होता है।
जी हां, त्योहार की खुशियों कोदफ्तर में दम तोड़ते देखना


सबसे पीड़ा दायक होता है।
सबसे पीड़ा दायक होता है।।